बुधवार, 16 मार्च 2022

जूसतजू मेरे ख़याल की.....



जूसतजू मेरे ख़याल की

गर तेरे ख़याल से मिल गाइ

जो बिसात बरसों बिछी रही

गर क़िस्मत वो बाज़ी चल गाइ

गर यक़ीन को मुराद हासिल ना हुई

साँझ लो ज़िंदगी से  रूह भी गई

मुज़माल मोसां भी खामोश हैं

वक़्त की सुई इसी ख़याल से तुम गाइ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें