शनिवार, 19 मार्च 2022

रोज़ सौदा है ये जीवन..................

 



रोज़ नया तमाशा है

रोज़ नया है पागलपन

रोज़ वही है दिल आज़ारी

रोज़ सदाएं देता मून

रोज़ मुझे बहलाता है

रोज़ उठता है चिलमन

रोज़  बिके है  बे-विक़त

रोज़ सौदा है ये जीवन

रोज़ नज़र चुराएँ आँसू

रोज़ बरसता बिःतेर सावन

रोज़ पहेली क्यों लगता है

रोज़ वही ढूंडला दर्पण

रोज़ फिर ताज़ा होता घूम

रोज़  सजती ख़याली दुल्हन

रोज़ सताती है  खामोशी

रोज़ पुकारे  तुझ को मून

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