लोआग मोहब्बत कर लेंगे
दूं वफ़ा का भर लेंगे
दस्तूर यही है जज़बों का
हेर दर्द गवारा कर लेंगे
क्या काम दिल का दुनिया से
तेरे दिल पे गुज़ारा करलेंगे
ये उम्र की कोंसि मंज़िल है
इस घूम से किनारा करलेंगे
कभी होश को तू आवाज़ तो दे
तेरी सदा को सहारा करलेंगे
जुब ढुंदेगी तुझ को नज़र
हेर्सू तेरा नज़ारा कर लेंगे
ये दौर ख्वाब है तिलसिं है
ये पल पल हमारा करलेंगे
महबूब नही कुछ तेरे साइवा
बस महबूब हमारा करलेंगे
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