शुक्रवार, 25 मार्च 2022

वो एक लम्हा अब तक प्यासा है.................

 



वो  एक लम्हा अब तक प्यासा है

उसके हाथ मे अब तक कासा है

वही हाल है अब तक दीवानों का

लूब टिशणा हैं होश ज़रा सा है

कोई दूं तूफान उठने वाला है

ये खामोशी सिर्फ़ एक झाँसा है

जो पावास्त है मुझ मे एमान सा

वो ख़याल महज़ एक दिलासा है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें