शनिवार, 2 फ़रवरी 2013

आँसू







आँसू पहले भी बहते थे
पेर वो दर्द तेरा सहते थे
अब जुब ये आँसू बहते हैं
अपनी वीरानी को कहते हैं
उस वक़्त मज़ा था रोने मे
अब खुद पेर रोया करते हैं

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