ये सफ़र है अगाही का
फ़हँ की रहगुज़ार है
तेरी याद है दस्तगिरी
हुर्फ़ हुर्फ़ तेरी नज़र है
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आसमान भी है रोशन
मोसां भी है गुलाबी
सबा हेर तरफ एक्सी है
एहसास तहेर गये हैं
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नब्ज़ की गर्दिशों मे
एक धमक सी छुपी है
साँसों की लघज़िशों मे
कोई आ मचल रही है
शिकायट भी बर्टरफ है
शाम-ए-घूम ढाल रही है
दिल के रंग क़ौस-ए-क़ज़ा हैं
मुस्सावेर की हिकमत यही है
जीने मरने के हैं सालीक़े
रसम-ए-वफ़ा उसी की कड़ी है
घूम हुस्न हैं ज़िंदगी का
उन्ही से तेरी तकमिल होरही है
इन सारे मखमसों का हासिल
तुझे नजात कोफ़टोन से मिली है
बंदे तेरी ज़ात एक आईना है
उसी से मुनकेस रोशनी होरही है
तेरा चाहना कमाल तो नही है
उसकी चाह से बात सब की बनी है
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